आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से मुक्त हुई युवा महिला नादिया मुराद को संयुक्त राष्ट्र ने अपना सद्भावना राजदूत नियुक्त घोषित किया हैं.
इसके साथ उनको नोबेल शांति पुरस्कार का उम्मीदवार भी माना जा रहा है. इस्लामिक स्टेट के चंगुल से बच निकलने वाली नदिया मुराद इराक की मूल निवासी हैं.
23 वर्षीय नादिया बसी ताहा को मादक पदार्थ एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीसी) की सद्भावना दूत नामित किया गया है.
इससे पहले इस लड़की को चरमपंथ इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने यौन दासी बना रखा था. ऐसा पहली बार हुआ हैं जब किसी प्रताड़ित महिला को इस तरह के सम्मान से सम्मानित किया गया हैं.
इस सम्बन्ध में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र आयोजित एक समारोह में संयुक्त राष्ट्र के मुख्य महासचिव बान किन-मून सहित अन्य देशों के कई राजदूत भी शामिल हुए.
बन किन-मून ने संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित समारोह में कहा, “नादिया, यजीदी लोगों और हर जगह मानव तस्करी का शिकार हुए लोगों को सम्मानजनक जीवन जीने देने के अधिकार की वकालत करती हैं.
उन्होंने चरमपंथ इस्लामिक स्टेट की गिरफ्त में रहकर उस पीड़ा और मानवाधिकारों के उल्लंघन का सामना किया हैं, जिसका उल्लेख करना मुमकिन नहीं हैं.
Web-Title: Nadia Murad becomes ambassador of United Nation
Key-Words: Nadia Murad, Ambassador, UN, ISIS