इजरायल को डर है कि भारत 500 मिलियन डॉलर का एंटी-टैंक मिसाइलों का निपटान करने की योजना बना रहा है और दावा कर रहा है कि हथियारों पर अधिक परीक्षण की जरूरत है। लेकिन अब इजराइल को डर सता रहा है की कहीं भारत हथियारों की रद्द ना कर दे.
मिडिल ईस्ट मॉनिटर के मुताबिक, एक इजरायली आर्थिक आउटलेट मार्कर ने नोट किया कि स्पाइक एंटी-टैंक मिसाइलों को खरीदने का भारतीय सौदा प्रमुख कठिनाइयों का सामना कर रहा है, यह नोट करते हुए कि भारत मिसाइलों को बेहतर परीक्षण करना चाहता था.
हालांकि, यह कहा गया: “अतिरिक्त प्रयोगों का असली कारण भारतीय रक्षा का दावा है कि मिसाइलों को उच्च तापमान वाले वातावरण में परीक्षण किया जाना चाहिए.”
विदेशी रिपोर्टों का हवाला देते हुए मार्कर ने कहा कि भारत चिंतित है क्योंकि मिसाइलों को गर्म रेगिस्तान के मौसम में काम करने की योजना है. “हालांकि, यह अज्ञात इजरायल के अधिकारियों ने बताया कि यह अनुरोध एक संकेत है कि भारत इस सौदे से हटने का विचार कर रहा है.”
नवंबर 2017 में, टाइम्स ऑफ इज़राइल ने भारतीय मीडिया को बताया कि नई दिल्ली ने घरेलू रूप से मिसाइलों के विकास के पक्ष में इजरायली राफेल हथियारों के निर्माता से एंटी-टैंक मिसाइलों को खरीदने के सौदे को रद्द कर दिया था.
राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम ने रिपोर्ट में जवाब दिया कि यह अनुबंध में अभी तक “किसी भी बदलाव के आधिकारिक तौर पर सूचित” होना है.