भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर घाटी में बुरहान वानी की मौत के बाद से चल रही हिंसा पर आखिरकार अपनी चुप्पी ज़रूर तोड़ी हैं लेकिन उनकी चुप्पी ने एक बहस छेड़ दी हैं.
पीएम मोदी ने घाटी हिंसा पर बात करते हुए कहा कि जिन नौजवानों के पास लैपटॉप होना चाहिए उनके हाथो में आज हथियार हैं. इसके साथ उन्होंने कहा कि “कश्मीर तो हमारा हैं लेकिन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी हमारा हैं.”
मोदी के इस बयान के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह से पूछा है कि “भारत बताए कि वह हमें कौन सा पाठ पढ़ाना चाहता है?” इसके साथ ही खान ने कहा कि कोई भी पाकिस्तानी कश्मीरियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर चुप नहीं रहने वाला है.”
एक प्रेस वार्ता के दौरान निसार खान ने कहा कि “पाकिस्तान कोई पाठ नहीं पढ़ेगा. राजनाथ यह बताते कि वे पाकिस्तान को कौन सा पाठ पढ़ाने की बात कर रहे हैं. अगर वे शांति, भाईचारे के पाठ की बात कर रहे हैं तो वो पाकिस्तान ही है जिसने वार्ता के लिए हमेशा दरवाजे खोले रखे हैं.”
उन्होंने कहा कि “अगर वे भारत के दबदबे, गुस्से और कश्मीर पर कब्जे का पाठ पढ़ाना चाहते हैं तो मैं भारतीय गृह मंत्री को साफ कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान किसी के अधीन नहीं रहेगा, न ही कोई पाकिस्तानी कश्मीर के मौजूदा हालात को स्वीकार करेगा.”
कश्मीर मुद्दे को लेकर शुक्रवार को भारत में आयोजित एक सर्वदलीय बैठक दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान दिया. मोदी ने खुले शब्दो में कहा कि “पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, जम्मू-कश्मीर का अभिन्न हिस्सा है. कश्मीर मुद्दा बिना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों को शामिल किए हल नहीं किया जा सकता. वो लोग जो दूसरी जगह रह रहे हैं, उन्हें भी वार्ता में शामिल किया जाना जरूरी है.”