ढाका के रेस्टोरेंट में हुए हमले में मारे गए 20 विदेशी नागरिकों में से एक भारतीय महिला नागरिक तारिषी के दोस्त फ़राज़ ने अपनी जान दे कर दोस्ती की एक अलग मिसाल कायम की. उसने अपनी जान इसलिए दी क्योकि वह अपनी दोस्त को अकेला मरते नहीं देख सकता था.
ढाका में रहने वाले फ़राज़ के भाई जरैफ हुसैन ने इस बात की सूचना दी कि आतंकियों ने रेस्टोरेंट में मौजूद लोगों से मुस्लिम प्रार्थना बोलने को कहा था, फ़राज़ को प्रार्थना आती थी तो उसने सुना दी, इस पर आतंकियों ने उसे छोड़ने के लिए कहा, लेकिन वह गया नहीं, वह अपने दोस्तों के लिए वहीं कुर्बान हो गया.
प्राप्त सूचना के अनुसार तरिषि का दोस्त 20 वर्षीय फ़राज़ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का ग्रेजुएट था. शुक्रवार को फराज, तारिषी जैन और अबिंता कबीर ने ढाका के आर्टिसन रेस्टोरेंट में मिलना तय किया, जिसके बाद रेस्टोरेंट पर हमला हो गया.
फ़राज़ के भाई का कहना है कि वह बहुत ही मददगार लड़का था, उससे किसी का भी दुःख नहीं देखा जाता था.
Web-Title: Faraz a Muslim boy sacrifice his life for their friends
Key-Words: Faraz, Muslim, Dhaka, sacrifice,Tarishi